इसके लिए कृषि विभाग द्वारा विरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी और समिति प्रबंधक आदिम जाति सेवा समितियों को निर्देशित किया गया है. साथ ही इस कार्य्रकम को सफल बनाने के लिए मौसम रबी 2022 से 2023 में जिन किसानों को बिमा हुआ है, उन्हें बीमा पत्रक बांटने के लिए योयोजना से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स क्रियान्वयक बीमा कंपनी से समन्वय करना होगा, इसके अलावा मेरी पॉलिसी मेरे हाथ अभियान को ग्राम पंचायत स्तर से सफल संचालन और प्रक्रिया के हिसाब से उचित कार्यवाही के निर्देश भी दिए गये हैं.
देश में प्राकृतिक आपदाओं की वजह से हुई फसल बर्बादी की भरपाई करने हेतु प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जारी की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत किसान स्वयं की फसल के संरक्षण हेतु एक निश्चित बीमा प्रीमियम प्रदान करता है।
बदले में हानि होने की स्थिति में बीमा कंपनियों के साथ-साथ केंद्र एवं राज्य सरकारें किसानों की आंशिक भरपाई करती हैं। परंतु, फिलहाल महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य स्तर पर 1 रुपये के ब्याज पर बीमा योजना का ऐलान कर दिया है। इसका सर्वाधिक लाभ उन किसानों को प्राप्त होगा, जो छोटी भूमि पर कृषि करते हैं अथवा बड़ा बीमा प्रीमियम भरने में असमर्थ होते हैं।
राज्य सरकार के द्वारा फसल हानि की भरपाई की जाएगी
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत रबी फसलों हेतु 1.5 फीसद, खरीफ फसलों हेतु 2 फीसद एवं बागवानी फसलों का बीमा करवाने हेतु 5 फीसद बीमा प्रीमियम जमा करना होता है। परंतु, महाराष्ट्र सरकार द्वारा फिलहाल यह चिंता भी समाप्त कर दी गई है।
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प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है, कि पूर्व में फसल बीमा योजना का लाभ लेने वाले किसान भाइयों से बीमा की धनराशि का 2 फीसद ब्याज लिया जाता था। फिलहाल, सरकार 1 रुपये में फसल बीमा मुहैय्या करवाने की तैयारी में जुट रही है। इस योजना के अंतर्गत सरकारी खजाने से 3312 करोड़ रुपये का खर्चा किया जाएगा।
महाराष्ट्र राज्य में भी प्राकृतिक कृषि के क्षेत्रफल में होगी वृद्धि
कृषि क्षेत्र में रसायनों के बढ़ते उपयोग से ना केवल मृदा की उपजाऊ क्षमता कमजोर होती जा रही है। साथ ही, रसायन से उत्पादित कृषि उत्पादों से स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इसी वजह से फिलहाल अधिकांश राज्य सरकारें प्राकृतिक खेती का मॉडल अपना रही हैं।
नव वर्ष के बजट में महाराष्ट्र सरकार द्वारा भी आगामी 3 वर्ष में 25 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाने का निर्णय किया है। इसी योजना के अंतर्गत प्रदेश में 1000 बायो-इनपुट संसाधन केंद्र की स्थापना का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
यदि बारिश की वजह से आपकी फसल चोपट हुई हो अथवा किसी भी प्राकृतिक आपदा के कारण आपकी फसल चौपट हुई है तो आपको इसका मुआवजा भी मिलेगा। केंद्र सरकार की ओर से यह मुआवजा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत मिलेगा। दरअसल, आजकल भारत में किसानों की फसल बारिश के चलते बर्बाद हुई है। ऐसे में किसान भाइयों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए पीएम फसल बीमा योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार हर किसान को मुआवजा प्रदान कर रही है।
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किसान मुआवजे के लिए किस प्रकार आवेदन कर सकते हैं
आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि केंद्र सरकार की इस योजना का फायदा लेने हेतु आपको 31 जुलाई से पहले फसल बीमा के लिए आवेदन करना पड़ेगा। सरकार का मानना है, कि 31 जुलाई तक किसानों को खरीफ की फसल के लिए आवेदन करना पड़ेगा। इसी स्थिति में उनको इस योजना का फायदा प्राप्त हो सकेगा। ऐसी स्थिति में यदि आप किसान हैं और खरीफ फसलों की खेती करते हैं, तो आपके लिए आवेदन की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। 31 जुलाई से पहले आपको अपनी फसलों के लिए बीमा का आवेदन कर देना चाहिए।
किसान ऑनलाइन जरिए से कैसे आवेदन कर सकते हैं
भारत के किसी भी कोने में रहने वाले किसान इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको सर्वप्रथम प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की आधिकारिक वेबसाइट www.pmfby.gov.in पर जाना पड़ेगा। इस वेबसाइट पर आप जैसे ही जाएंगे आपको प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लिंक नजर आएगा। उस लिंक पर क्लिक कर के आप इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। साथ ही, जिन किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड रखा है अथवा फिर सहकारी बैंको से कर्ज लिया हुआ है, उनका बीमा अपने आप ही ऑटोमैटिक ढ़ंग से हो जाएगा।